मार्केट क्यों इतना गिर रहा है? How to get the benefit of market selloff, know it all in an informative way

भारतीय शेयर बाजार में हाल के दिनों में खतरनाक गिरावट देखी जा रही है। निवेशक काफी चिंतित हो गए हैं। इस हिसाब से यह जानना जरूरी हो गया है कि आखिर मार्केट क्यों इतना गिर रहा है।

ग्लोबल सिनेरियो, रूपये में गिरावट, ट्रंप के प्रेसीडेंट बनने का प्रभाव और इंटरनेशनल डिस्प्यूट जैसी कई स्थितियां इसके कारण हो सकते हैं। इसमें RBI के फैसले और ग्लोबल मार्केट की स्थिति भी गहरा प्रभाव डालती है। फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस, फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (FIIs) और डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (DIIs) भी इसमें अहम भूमिका निभाते हैं।

मार्केट क्यों इतना गिर रहा है, इसे जानने के लिए ऊपर में मेंशन किए हुए सभी कारकों का एनालिसिस करना जरूरी है। चलिए एक-एक करके समझने का प्रयास करते हैं।

वर्तमान में बाजार की स्थिति का विश्लेषण

हम सभी को पता है कि भारतीय शेयर बाजार में आजकल उथल-पुथल मचा हुआ है। मार्केट ट्रेंड्स का विश्लेषण करने से पता चलता है कि मार्केट शॉर्ट टर्म के लिए डाउन ट्रेंड में कन्वर्ट हो चुका है। मतलब लगभग सभी स्टॉक्स अभी अपने डाउन ट्रेंड्स में दिख रहे हैं। और इस खून खराबे में स्मॉल कैप और मिडकैप का तो कहना ही क्या!

अभी के सिचुएशन को और अच्छे से समझने के लिए, हमें इंडियन स्टॉक मार्केट के कुछ इंपॉर्टेंट इंडेक्स को थोड़ा देखना होगा।

इंपॉर्टेंट इंडेक्स का परफॉर्मेंस: सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट: दोनों इंडेक्स सितंबर 2024 से लगातार गिरते ही जा रहे हैं।

पर मिड टर्म और लॉन्ग टर्म इन्वेस्टर के लिए यह गिरावट एक बढ़िया सा अवसर लेकर आया है। जो बस यह इंतजार में थे कि कब उनके सोचे हुए स्टॉक का प्राइस थोड़ा कम हो जिससे वह अपने पोर्टफोलियो में उसे ऐड कर सकें। तो लीजिए, आ गया है वह अवसर। खूब शॉपिंग कीजिए!

स्मॉल कैप और मिड कैप: इन दोनों इंडेक्स के शेयरों में तो ऐसा लगता है जैसे कत्लेआम मचा हुआ है। इनमें भी कुछ ऐसे शेयर्स हैं जिंक प्राइस कम होने का इंतजार कर रहे थे।

मार्केट क्यों इतना गिर रहा है – कुछ मुख्य कारणों का एनालिसिस

मार्केट में गिरावट कई कारणों से हो रहे है। जिनमे से कुछ को समझना हमें जरूरी हो जाता है, क्योंकि अपने पोर्टफोलियो को डेली लाल देखना किसी भी इंसान को अच्छा नहीं लगता है! चलिए देखते हैं:

ग्लोबल मार्केट का प्रभाव

इस्को समझने के लिए हम 1 जबरदस्त उदाहरण लेते है DeepSeek। जब से चीन ने यह अनाउंस किया है कि उन्होंने अमेरिका के ChatGPT और Llama जैसे AI मॉडल्स का सस्ता वर्जन पर सेम क्वालिटी बना लिया है जिसका नाम है DeepSeek, पूरे विश्व में खलबली मच गई है। सारे टेक्निकल कंपनी के शेयर ऐसे गिरे जा रहे हैं जैसे कल से कंपनी ही बंद हो जाएगी।

साथ में वैश्विक बाजार की स्थिति भी अभी बहुत अस्थिर है। अमेरिकी, एशियाई और यूरोपीय बाजार सभी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

अमेरिकी मार्केट का असर: अमेरिकी बाजार का प्रभाव बहुत अहम है। यह दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। अमेरिकी बाजार में कोई भी बदलाव दुनिया भर में महसूस किया जाता है। और यहां ट्रंप के आने से काफी पॉजिटिव हुए हैं लोग। अमेरिका के बॉन्ड यील्ड में भी मजबूती है।

यूरोपीय मार्केट्स का योगदान: यूरोपीय बाजार भी वैश्विक बाजार में महत्वपूर्ण हैं। यह क्षेत्र कई बड़े आर्थिक शक्तियों का घर है।

इन बाजारों के बीच की जटिल गतिविधियों को समझना जरूरी है। क्योंकि ये मार्केट्स 1 दूसरे से इनडायरेक्टली जुड़े होते हैं, 1 गिरता है तो दूसरा उठता है एंड वाइस वर्सा।

रुपये का लगातार गिरना

भारतीय शेयर बाजार के अंडर परफॉर्मेंस का, रूपये में लगातार गिरावट भी 1 बहुत बड़ा कारण है। इससे भारत में आयात करना महंगा होता जाएगा और महंगाई भी बढ़ सकती है।

ट्रम्प प्रभाव और अंतर्राष्ट्रीय तनाव

ट्रंप के प्रेसीडेंट बनने का प्रभाव: सबको पता है डोनाल्ड ट्रंप एक सक्सेसफुल बिजनेसमैन है जो कि अब अमेरिका के राष्ट्रपति बन गए हैं। और इनका पहला नारा है “अमेरिका फर्स्ट”। जिससे अमेरिका की इकॉनमी तेजी से ग्रो कर सके और यही कारण है कि FIIs अमेरिका की तरफ अपने इन्वेस्टमेंट को शिफ्ट किए जा रहे हैं।

अभी तो शपथ लिए हुए  दो-चार दिन हुए ही हैं और ट्रंप ने कोलंबिया, कनाडा और मेक्सिको पर 25 परसेंट कटारी भी लगा दिया है जो की 1 फरवरी से लागू हो सकता है। यह भी हमारे मार्केट में नेगेटिव सेंटीमेंट जनरेट करता ह।

बजट 2025 का बाजार पर प्रभाव

1 फरवरी 2025 को बजट भी पेश होने वाला है जिसमें लोगों को कोई खास उम्मीद नहीं दिख रहा है। सब यह देखना चाह रहे हैं कि बिज़नसेस को टैक्स में कितनी रियायतें दी जाती है। और आम लोगों के लिए टैक्स रेट में कुछ बेनिफिट दिया जा रहा है या नहीं। यह भी मार्केट में प्रभाव डाल सकता है।

फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (FIIs) की भूमिका

FIIs वैसे इन्वेस्टर्स हैं जिन्हें जहां ज्यादा रिटर्न मिले वहां इन्वेस्ट करना पसंद होता है। इसी कारण से FIIs भारतीय शेयर बाजार को ऊपर ले जाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं। उनके निवेश के ट्रेंड्स और निकासी भारतीय अर्थव्यवस्था और बाजार पर बड़ा प्रभाव डालते हैं।

हम देख सकते हैं कि FIIs ने 28 जनवरी 2025 तक लगभग 78000 करोड़ रुपए निकासी कर चुके हैं और लगातार निकाले ही जा रहे हैं। और हम जानते हैं कि विदेशी निवेशकों का निवेश भारतीय कंपनियों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है। इससे वे अपने व्यवसाय को बढ़ा सकते हैं। इनके प्रमुख क्षेत्रों से इनवेस्टमेंट की निकासी से बाजार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। इससे शेयर की कीमतें गिर रही हैं और बाजार में गिरावट देखने को मिल रही है।

डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (DIIs) का योगदान

भारतीय शेयर बाजार में DIIs का योगदान बढ़ रहा है। DIIs का योगदान भारतीय स्टॉक मार्केट में लगभग 40% तक पहुंच गया है, जो एक महत्वपूर्ण वृद्धि है। हम देख सकते हैं कि DIIs ने लगभग 79000 करोड़ रुपए की खरीदारी 28 जनवरी 2025 तक कर चुकी है। कुछ महत्वपूर्ण बिंदु इस प्रकार हैं:

  • DII का औसत मासिक निवेश 40,000 करोड़ रुपये के आसपास रहा है।
  • बाजार में गिरावट के दौरान DII का खरीदारी का रुझान 70% से ऊपर दर्ज किया गया है।

इन आंकड़ों से पता चलता है कि DIIs भारतीय शेयर बाजार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उनका योगदान बाजार की स्थिरता में मदद कर रहा है और निवेशकों के लिए नए अवसर प्रदान कर रहा है। ये मार्केट को कुछ हद तक बचा कर रखे हुए हैं, पर सवाल उठता है कब तक?

कम्पनीज के क्वार्टर रिजल्ट्स

जनवरी महीने में लगभग सभी कंपनियों के क्वार्टर रिजल्ट आते हैं और अभी आने वाले रिजल्ट्स में कॉरपोरेट इनकम, पिछले क्वार्टर के मुताबिक थोड़ा काम प्रतीत हो रहे हैं।

मार्केट क्यों इतना गिर रहा है
Image source: Canva

तकनीकी विश्लेषण (Technical Analysis) और चार्ट पैटर्न

भारतीय शेयर बाजार में निवेश करने से पहले, यह जानना जरूरी है। तकनीकी विश्लेषण और चार्ट पैटर्न कैसे काम करते हैं। यह एक तरीका है जिससे हम बाजार की प्रवृत्तियों को समझते हैं और उम्मीदें लगाते हैं की कब मार्केट ऊपर जा सकता है और कब नीचे आ सकता है।

चार्ट पैटर्न बाजार की दिशा को समझने में मदद करते हैं। विभिन्न प्रकार के चार्ट पैटर्न होते हैं जिनसे हम ट्रेंड्स, सपोर्ट और रेसिस्टेंस लेवल का पता करते हैं।

प्रमुख टेक्निकल इन्डिकेटर्स
  • मूविंग एवरेज
  • रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI)
  • बोलिंगर बैंड

इन तकनीकी संकेतों का उपयोग करके, निवेशक बाजार की दिशा का पूर्वानुमान लगाने की कोशिश करते हैं। जिनसे उन्हें सूचित निर्णय लेने में मदद होता है।

सपोर्ट और रेसिस्टेंस लेवल

सपोर्ट और रेसिस्टेंस लेवल बाजार की दिशा को समझने में मदद करते हैं। सपोर्ट लेवल वह होता है जहां कीमतें सपोर्ट पाती हैं।जबकि रेसिस्टेंस स्तर वह होता है जहां कीमतें रेसिस्टेंस का सामना करती हैं।

आगे की संभावनाएं और निवेश रणनीति

भारतीय शेयर बाजार में निवेश करना एक महत्वपूर्ण निर्णय है। निवेशकों को शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म दोनों निवेश दृष्टिकोण पर विचार करना चाहिए।

निवेश रणनीति बनाते समय, विभिन्न कारकों जैसे ग्लोबल सिनारिओ, मार्केट स्ट्रेंथ, FIIs और DIIs के एक्सन्स और ऊपर मेंशन किए हुए कुछ पॉइंट्स पर ध्यान देते हुए नए नए अवसर की खोज करते रहना चाहिए, ना कि बस ये सोचते रहना चाहिए “मार्केट क्यों इतना गिर रहा है”। निवेशकों को अपने टारगेट्स और रिस्क कपैसिटी को ध्यान में रखते हुए नए स्टॉक्स भी ढूंढते रहना चाहिए।

इन सबके अलावा, निवेशकों को कुछ महत्वपूर्ण बातों पर भी विचार करना चाहिए:

  • स्टॉक्स को सेल करने का समय: जो कि तब होता है जब फंडामेंटल्स कमजोर हों, टारगेट प्राइस हासिल हो या बेहतर निवेश के अवसर उपलब्ध हों।
  • लॉन्ग–टर्म निवेश:  इसके लिए स्टैंडर्ड होल्डिंग पीरियड आमतौर पर पांच साल या उससे अधिक होती है।
  • लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स रेट शॉर्ट-टर्म रेट से काफी कम होती हैं। यह भी ध्यान देनी चाहिए।
मार्केट क्यों इतना गिर रहा है
मार्केट क्यों इतना गिर रहा है (Image source: Canva)

निवेशकों को अपने निवेश के निर्णयों जैसे फाइनेंशियल टारगेट्स का ध्यान रखना, कंपनीज में कुछ बदलाव होना इत्यादि) में सावधानी से विचार करना चाहिए। मार्केट क्यों इतना गिर रहा है, यह ना सोचकर उन्हें नए नए इनवेस्टमेंट के अवसर खोजने पर फोकस करना चाहिए।

विशेषज्ञों की राय और बाजार विश्लेषण

निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में विविधता लानी चाहिए।

अपने फंड का वेटेज लगभग 70 से 80% इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो में और उसी फंड का 20 से 30% ट्रेडिंग पोर्टफोलियो में इस्तेमाल कर सकते हैं।

एक ही सेक्टर में 25% से अधिक निवेश करना सही नहीं है। हालांकि यदि आप अच्छे से रिसर्च किए हुए हैं और फुल कॉन्फिडेंट है तो 25% से ज्यादा भी वेटेज एक शेयर को दे सकते हैं।

निवेश के लिए गोल्ड, फार्मा, और यूटिलिटीज जैसे सुरक्षित विकल्प हैं। ये सेक्टर बाजार की गिरावट के समय भी स्थिर रहते हैं (हालांकि ये सेक्टर्स से हम मनचाहे और बम्पर रिटर्न की उम्मीद नहीं कर सकते हैं)। इनके (गोल्ड, फार्मा, और यूटिलिटीज) साथ साथ Mutual Fund or PPF भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है।

विशेषज्ञों की राय से पता चलता है कि निवेशकों को सावधानी से निवेश करना चाहिए। उन्हें विविधता और सुरक्षित विकल्प दोनों को ध्यान में रखकर अपना इनवेस्टमेंट डिसिजन लेना चाहिए।

Way Forward

ऊपर हमने समझने की कोशिश करी कि आखिर ‘मार्केट क्यों इतना गिर रहा है’? और इस गिरते हुए मार्केट परिवेश में हम निवेशकों को क्या करना फायदेमंद हो सकता है।

मार्केट वोलैटिलिटी काफी बढ़ गई है हालांकि उम्मीद कर सकते हैं कि कुछ दिनों में मार्केट अप ट्रेड में आ जाए और चार्ट पैटर्न भी यह इंडीकेट कर रहा है कि कुछ दिनों में मार्केट बाउंस बैक कर सकता है, हालांकि यह 100% कहा नहीं जा सकता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि शॉर्ट टर्म में सावधानी से निवेश करना चाहिए। और लॉन्ग टर्म के लिए ऐसे गिरते हुए मार्केट का भरपूर फायदा उठाना चाहिए।

शॉर्ट टर्म में मार्केट अप डाउन हो सकता है पर अच्छे शेयर जिनका फंडामेंटल्स काफी स्ट्रांग है वो लॉन्ग टर्म में जबरदस्त परफॉर्म करने से बिल्कुल भी नहीं चूकेंगे। क्योंकि भारत अभी आने वाले 20 वर्षों तक तो डेवलपिंग कंट्री बना रहेगा। और भारत के पास तो कंज्यूमर्स भी पूरे विश्व में सबसे ज्यादा हैं। जिसका फायदा हमें मिलना निश्चित ही है।

फिर भी इन्वेस्ट करने से पहले आप भी थोड़ा सा अच्छे से रिसर्च कर लें और जरूरत पड़े तो अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह भी अवश्य ले लें।

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